Immunity meaning in Hindi-इम्युनिटी सिस्टम को कैसे बढाये (2021)?

Spread the love

आज के इस Post का बिषय है Immunity meaning in Hindi(इम्युनिटी क्या है )। Immune यानि प्रतिरक्षा। यह जन्म से ही आपके साथ होता है। यही प्रमुख कारण है कि प्रत्येक इंसान जिन्दा रहता है। Immunity system यानि प्रतिरक्षा प्रणाली इंसान का अस्तित्व है और यह पुरे शरीर में फैली हुई है । आपके शरीर का स्ट्रक्चर सम्पूर्ण तरह से आपके Immunity System पर ही निर्भर करता है। 

सम्पूर्ण स्वस्थ शरीर के लिए इम्युनिटी बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आपकी प्रतिरक्षा मज़बूत नहीं, फिर किसी भी तरह के फ्लू,वायरस, बक्टेरिया शरीर में प्रबेश कर आपको बीमार कर सकते है बहुत आसानी से । 

Immunity Meaning in Hindi

Immunity के बारे मे आज यहा जिन बिषयो को cover करेंगे –

  • इम्युनिटी क्या है (Immunity meaning in Hindi)
  • इम्युनिटी कितने प्रकार के होते है ?(Type of Immunity in Hindi)
  • हार्ड इम्युनिटी क्या है ?(Herd Immunity meaning in Hindi)
  • इम्युनिटी कमज़ोर होने के लक्षण (symptoms of low Immunity)
  • इम्युनिटी सिस्टम को कैसे बढाये?(How to boost Immunity System?)

इम्युनिटी क्या है (Immunity meaning in Hindi)

इम्युनिटी के बारे में सबसे पहले हमे फ्रांस के जीब बिज्ञानी लुई पास्तुर और रुसी बिज्ञानी 2ndमेनिकोकिव से पता चलता है।इम्युनिटी क्या है (Immunity meaning in Hindi) यह बहुत simple तरीके से अगर कहा जाए तो, कोई भी इन्फेक्शन,वायरस,फ्लू, बक्टेरिया से जो आपको बचाता है, और उनके खिलाफ लड़ाई करने के लिए ताकतवर बानाता है उसे Immunity कहते है। यह कहना गलत नहीं होगा इम्युनिटी बॉडी का डिफेंस सिस्टम है। बड़े से बड़े और घातक बीमारी भी सिर्फ स्ट्रांग इम्युनिटी के कारण ठीक हो सकता है। इसलिए Immunity को प्रतिरक्षा कहा जाता है।

आप यह भी पढ़ें-Top Protein-Based Veg and Non-Veg Food Source

इम्युनिटी कितने प्रकार के होते है ?(Type of Immunity)

इम्युनिटी 2 प्रकार के होते है। Innate Immunity(सहज प्रतिरक्षा) और Adaptive Immunity(अप्रतिरोधी प्रतिरक्षा)

Innate Immunity(सहज प्रतिरक्षा)– Innate Immunity हमारे शरीर मे मौजूद रहता है और फ़ास्ट प्रोटेक्शन के रूप में हमारे शरीर के लिए काम करता है। कोई बीमारी में प्राथमिक सुरक्षा देता है, शरीर के लिए प्रोटेक्शन का काम करता है। लेकिन लॉन्ग टर्म में यह प्रोटेक्शन नहीं देता।

Adaptive Immunity(अप्रतिरोधी प्रतिरक्षा)-Specific किसी बीमारी से लड़ने के लिए जो इम्युनिटी बनती है उसे Adaptive Immunity या अप्रतिरोधी प्रतिरक्षा कहते है। यह सहज प्रतिरक्षा यानि Innate Immunity के बाद शरीर मे बनते है। अप्रतिरोधी नाम से आप समझ सकते है निर्दिष्ट बीमारी मे यह एक शिल्ड की तरह काम करता है।

Adaptive Immunity का असर लॉन्ग लास्टिंग होता है। यही नहीं यह एक मेमोरी की तरह बॉडी मे रहकर काम करता है। मतलब वही बीमारी,वायरस ,फ्लू, बक्टेरिया का शरीर मे अटैक हुआ तो यह तुरंत एंटीबाडी तैयार कर देगा प्रतोरोध के लिए। और आप जल्दी ठीक होते है।

हार्ड इम्युनिटी क्या है ?(Herd Immunity meaning in Hindi)

Herd Immunity मतलब सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता। जब किसी हार्ड यानी समुदाय में कोई बीमारी,वायरस फैलता है तब वह बीमारी बहुत तेज़ी से फैलता है। क्योंकि उस बीमारी की जानकारी हमारे शरीर को नही होती कैसे उससे बचना है।
ऐसे में उसी समूह के ज्यादातर लोग (70% से ज्यादा)जब इम्यून हो जाते है,मतलब Immune System उस बक्टेरिया या वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बना लेता है। तब उनमे उस बक्टेरिया या वायरस से लड़ने के लिए प्रतिरोध करने की क्षमता में इजाफ़ा हो जाता है। उनको उस बीमारी से कोई खतरा नही रहता।

ज्यादातर लोगों की बॉडी इम्यून होने के कारण बीमारी की तेजी से बढ़ने की रफ्तार कम हो जाती है। और जो लोग कम इम्युनिटी के होते है वह भि हार्ड इम्युनिटी के बीच मे रहकर सुरक्षित हो जाते है।

Herd Immunity नेचुरल और वैक्सीन इन दो तरीके से काम करता है।

जब किसी व्यक्ति को बिलकुल नई तरह की बीमारी होती है, तब उसकी बॉडी एंटीबॉडी तैयार कर के उस बीमारी से इम्यून हो जाता है। जो इस बीमारी से recover हो जाते है, वो इम्यून हो कर उस बीमारी को बड़ने से रोकते है। नतीजन जिनकी इम्यून सिस्टम कमजोर है वो बच जाते है। इसे नेचुरल इम्युनिटी कहा जाता है।

कोई व्यक्ति बिना बीमारी के भी उस बीमारी के लिए तैयार हुई वैक्सीन लेकर अपने अन्दर एंटीबॉडी तैयार कर के अपनी Immunity strong कर सकता है। अगर कभी उस बीमारी का वायरस उसके शरीर मे आता है तो भी उसे इफेक्ट नहीं कर सकता।

इम्युनिटी कमज़ोर होने के लक्षण (symptoms of low Immunity)

निचे दिए गए कोई भी एक लक्षण इम्युनिटी कमज़ोर होने के है –

बार बार संक्रमण होना- अगर आप बार-बार इन्फेक्शन का शिकार होते है, लम्बे समय तक बीमार रहते है तो यह लक्षण है की आपकी इम्युनिटी बहुत ही कमज़ोर है।

एकसाल मे 4 बार से ज्यादा कान में इन्फेक्शन, 2 बार से ज्यादा निमोनिया होना, कोई क्रनिक बीमारी लम्बे समय से ठीक ना होना,एकसाल मे 3 बार से ज्यादा एंटीबायोटिक का डोज़ लेना आपके स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को नहीं दर्शाता।

हाईट और वजन में तालमेल ना होना- Hight के अनुसार weight बहुत कम या बहुत ज्यादा है, जिसे ओबेसिटी कहा जाता है। अगर ऐसा है तब ये भी आपकी कम इम्युनिटी का लक्षण है । नर्मल से बहुत ज्यादा या कम वजन आपके सठिक पोषण ना मिलने का लक्षण है ।

तनाव(Stress) –आपका लम्बे समय तक हमेशा तनाव में रहना आपकी इम्युनिटी को कमज़ोर बनता है। stress आपके शरीर के lymphocyte(लिम्फोसाईट) को कम करता है। जो संक्रमण से लड़ने के लिए सफ़ेद रक्त कोशिकाओं की मदद करती है। आपके शरीर में लिम्फोसाईटलिम्फो का स्तर जितना कम होता जायेगा,सर्दी जुकाम की तरह संक्रमण का खतरा बढता जायेगा। और इस बात को अमेरिकन साईंकोलॉजिकल एसोसिएशन ने एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है।

पेट की समस्या- पेट की किसी भी प्रकार की समस्या, आपको समस्या में रखता है । प्रतिरक्षा प्रणाली का 70% कार्य आपके पाचन तंत्र मे है। आंत में रहने वाले बहुत किस्म के सुक्ष्म्जीबी और बक्टेरिया किसी प्रकार के संक्रमण से आंत को सुरक्षित रखते है ।

पेट साफ़ अपने आप ना होना, मतलब पेट साफ़ करने के लिए कोई दवाई या चूरण का इस्तेमाल करना, साथ मे दस्त, कब्ज, एसिडिटी का होना ये दर्शाता है की आपको अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली पर गहराई से ध्यान देने का समय आ गया है ।

थकान(Tired)– रात को सोने के बाद भी हमेशा थकान रहना, दिनभर चिडचिडापन रहना, सुस्त महसूस करना दिनभर, काम में मन नहीं लगना। अगर यह लक्षण आपमे या आपके किसी जानने वाले मे देखा है तो आप समझ गए होंगे ये भी आपको इम्युनिटी स्ट्रांग करने की सलाह दे रहे ।

शरीर में हमेसा कहीं ना कहीं दर्द रहना– बहुत लोगो मे यह देखा गया है उनके पुरे शरीर में हमेशा कहीं ना कहीं दर्द रहता है । जरुरी medicine लेने से कुछ वक़्त या कुछ दिन के लिए राहत मिलता है। फिर कुछ दिन में वही दर्द वापस आ जाता है।

घाव का धीरे भरना –कही चोट या आघात लगना, जलना, या कट जाता है तो आपकी त्वचा अपने आप उस जगह को ठीक कर लेता है। शरीर एक हेल्दी प्रोसेस के तहत यह बहुत आसानी से कर लेता है। अगर ऐसा नहीं हुआ या घाव भरने में बहुत ज्यादा वक़्त ले रहा, तो फिर तह स्ट्रोंग इम्युनिटी के लक्षण नहीं।

इम्युनिटी सिस्टम को कैसे बढाये?(How to Boost Your Immunity System?)

Immunity System को बढाने के लिये कुछ बेसिक point के सहारे आप इसे बूस्ट कर सकते है। Immunity System को कैसे बढाये इसके बारे में हम किसी दुसरे पोस्ट मे detail मे जानेंगे। तो चलिए देखते है किस प्रकार Immune system को कैसे बढ़ाये-

  • व्यायाम /योगा/ पैदल चलना (Exercise/Yoga/Walking)– शरीर तब स्वस्थ रहता है जब उसके सारे अंगप्रत्यंग सही तरीके से काम करे। इसके लिए रोजाना व्यायाम,योगा या पैदल चले जो भी आपको पसंद हो उसके हिसाब से। इससे आपका Massive Weight Loss भि हो जायेगा।
  • पूरी नींद लेना(Get enough sleep)- हर रोज़ पूरी नींद लेना बहुत जरुरी है । 7-8 घन्टे की नींद प्रत्येक के लिए बहुत जरुरी है ।
  • Immunity System Booster foods को अपने आहार में जरुर शामिल करे।
  • प्रोसेस या पैकेट फ़ूड नहीं खाना(Refuse Processed food)- बाज़ार में मिलने वाले हर तरह के प्रोसेस या पैक्ड फ़ूड से दुरी बनाये। यह आपके इम्युनिटी के लिए हानिकारक है। और आपके overall हेल्थ के लिए भी सही है।
  • नशे की आदत को छोड़े(Quit the bad habit) – किसी भी तरह की आदत हमेशा बुरी होती है। इससे आपकी हेल्थ ख़राब तो होती ही है और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बहुत दुर्बल बना देता है।
  • पानी पिए(Drink enough water)- खूब पानी पिए। हर रोज़ अपने जरुरत के हिसाब से पानी पीना अबश्यक है। लेकिन रोज़ 8-12 ग्लास पानी जरुर पिए। जिन्हें गुनगुना पानी पिने की आदत है वो खुश रहिये क्यूंकि गरम पानी इम्युनिटी बूस्ट करता है।
  • खुश रहिये ,हसते रहिये और स्ट्रेस से दूर रहिये। stress आपकी प्रतिरक्षा को दुर्बल करने की तरफ ले जायेगा।

उम्मीद है मैंने आपको जो जानकारी Immunity क्या है और Immunity System को कैसे बढाये के बारे मे दिया है वह आपके लिए helpful साबित होगा। देखिये रातो रात कुछ भी नहीं होता। Immunity System को बढाने के लिए एक Continue Process के माध्यम से जाना पड़ता है।

अगर आपको Immunity क्या है और Immunity System को कैसे बढाये के बारे में कुछ और जानकारी देना हो या कोई प्रश्न पूछना हो तो comment के माध्यम से जरुर पूछे।

इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथऔर social media मे share करना ना भूले।


Spread the love

Mousumi Mitali

मै Mousumi Mitali इस ब्लॉग की फाउंडर हूँ.यह Motivation और Personal Development की ब्लॉग है

You may also like...

2 Responses

  1. Arindam Chatterjee says:

    Very informative article, thanks to Gladly Madly👍

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *